स्टार चार्ट डायग्राम का उपयोग करने के लिए दिशानिर्देश0 से 40 डिग्री उत्तर अक्षांश के लिए यह डायग्राम शाम के आकाश को दिखाता है । भीतरी वृत्त 22.5 डिग्री उत्तर अक्षांश से देखे जानेवाले आकाश का प्रतिनिधित्व करता है । पूरे भारत में उपयोग के लिए स्टार चार्ट को उत्तरी और दक्षिणी दिशा में बढ़ा दिया गया है । शुरुआती में जो लोग स्टार चार्ट का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें इसे ऊपर की ओर रखना चाहिए और इसे इस तरह से मोड़ना चाहिए कि स्टार चार्ट पर अंकित उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम सही दिशा में हो । कुछ अनुभव के साथ इसे और अधिक सुविधाजनक स्थिति में उपयोग करना संभव होगा । आकाश में कुछ ज्ञात तारा-समूहों की सहायता से बाकी तारों को उपरोक्त स्टार चार्ट का उपयोग करके आसानी से पहचाना जा सकता है । एक खास जगह से ये तारे महीने की 1 तारीख, 16 तारीख तथा 30 तारीख को क्रमश: 2130 बजे, 2030 बजे तथा 1930 बजे दिखाई देंगे । 2. किसी विशेष स्थान के लिए स्थानीय माध्य समय भारतीय मानक समय (आई. एस. टी) से थोड़ा भिन्न होता है । निम्नलिखित तालिका भारत में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के लिए उपरोक्त संशोधन देती है :
3. किसी दिए गए घंटे और किसी विशेष दिन के लिए बनाए गए स्टार चार्ट का उपयोग अगले दिन 4 मिनट पहले और पिछले दिन 4 मिनट बाद में किया जा सकता है । उदाहरण के लिए, यदि कोई स्टार चार्ट 16 तारीख रात 8-30 के लिए है तो इसे 17 तारीख रात 8-26 बजे और 15 तारीख रात 8-34 बजे इस्तेमाल किया जा सकता है । ठीक उसी तरह इसे अन्य महीनों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है । पिछले महीने की 16 तारीख यह रात 10-30 बजे और अगले महीने शाम 6-30 बजे उपयोग किया जा सकता है । 4. तारे अपनी दैनिक गति (पृथ्वी के घूमने के कारण) में 15 डिग्री प्रति घंटे की दर से आकाश में पूर्व से पश्चिम की ओर स्थान बदलते हैं । तारे की स्थिति में उपरोक्त बदलाव को ध्यान में रखते हुए शाम के अन्य घंटों में भी स्टार चार्ट का उपयोग किया जा सकता है । |